अस्वीकरण : मेरा यह लेख किसी भी राजनीतिक दल के पक्ष या विपक्ष में नहीं है | इसका किसी
व्यक्ति विशेष , जाति , धर्म , सम्प्रदाय , आदि से कोई सम्बन्ध नही है तथा किसी की
भी भावनाओं को किसी भी तरह से ठेस पंहुचाना हमारा उद्देश्य नहीं है | किसी भी शुभ
कार्य में उपयुक्त समय का अपना महत्व होता है इस प्रकार के समय को ज्योतिष विज्ञान
में शुभ मुहूर्त की संज्ञा दी गयी है | राहुकाल में भी शुभ कार्यों को टाल दिया
जाना चाहिए उसी सन्दर्भ में ये जनता से जुडा एक और प्रकरण विचार करने के लिए
प्रस्तुति मात्र है मेरे पास तो इसके सैकड़ो उदाहरण है , लेकिन खुद सीखें - खुद
जानें के मकसद से आपके स्वयं के अनुभव के लिए लेख प्रस्तुत है -
"राहुकाल" - असुरों व देवताओं के समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश से अमृत पीने के लिए दोनों में झगड़े होने लगे तब भगवान् विष्णु ने बीच में पड़कर देवताओं को अमृत व् असुरों को सोमरस पिलाना चाहा परन्तु एक असुर ने ये देख लिया था वह असुरों की तरफ से उठकर भेष बदलकर देवताओं की तरफ आ बैठा तथा धोखे से अमृत पी लिया लेकिन वह पकड में आगया था उसके बाद भगवान् विष्णु ने अपने चक्र से उसके दो टुकड़े कर दिए ऊपर का हिस्सा राहु व नीचे का केतु कहलाया तो राहुकाल वह समय है जिसमे अमृत मिलना तो देवताओं को था लेकिन असुर को भी मिल गया | इस समय किये गए शुभ कार्य या तो पूरे नहीं होते या व्यवधान आते हैं इसे टाल ही दिया जाना चाहिए | रोजाना के कार्य तो नियमित करें किन्तु शुभ कार्य को इस समय नहीं करने का अनुभव मैंने व मेरे पास पढने आने वालों ने सभी ने किया है , आप भी अनुभव कर साझा करें |
प्रतिदिन राहुकाल का समय कब से कब तक होता है यह जानने के लिए उस दिन का सूर्योदय व सूर्यास्त का समय नोट करें सूर्योदय से सूर्यास्त की अवधि को दिनमान एवं सूर्यास्त से सूर्योदय की अवधि को रात्रिमान कहते हैं | रात्रिमान की अवधि में राहुकाल नही होता है | अब दिनमान के आठ भाग करलें , उस अवधि में आठ का भाग देवें प्रत्येक भाग की अवधि निकल आएगी नोट करके रखलें | याद रखने के लिए निम्न लाइन को याद करलें -
X Mother Saw Father Wearing The Turban on Sunday
1 2 3 4 5 6 7 8X १ दिनमान के पहले भाग में राहुकाल नही होता है
Mo = सोमवार , Sa = शनिवार , F = शुक्रवार , We = बुधवार ,
Th = गुरुवार , Tu = मंगलवार , Su = रविवार को मानलें
अर्थात दिनमान के दूसरे
भाग की अवधि में सोमवार को , तीसरे भाग की अवधि में शनिवार को , चोथे भाग की अवधि
में शुक्रवार को , पांचवे भाग की अवधि में बुधवार को , छठे भाग की अवधि में
गुरुवार को , सातवे भाग की अवधि में मंगलवार को , आठवे भाग की अवधि में रविवार को
राहुकाल होता है | इसे निम्न उदाहरण से समझे -
मानलो सूर्योदय सुबह 6 बजे व सूर्यास्त शाम 6 बजे है तो दिनमान की अवधि 12 घंटे की हुई इसमे आठ का भाग दिया तो एक भाग की अवधि एक घंटा तीस मिनिट की हुई इसको
सूर्योदय में जोड़ते हुए आठों भाग की अलग अलग अवधि जान लेंगें जैसे
पहला भाग सुबह 6 बजे (
सूर्योदय ) से 7 - 30 तक इस अवधि
में भी राहुकाल नही होता है |
दसरा भाग सुबह 7 -30 से 9 बजे तक सोमवार को राहुकाल रहेगा |
तीसरा भाग सुबह 9 से 10 -30 तक शनिवार को राहुकाल रहेगा |
चोथा भाग सुबह 10 - 30 से दोपहर 12 बजे तक शुक्रवार को
राहुकाल रहेगा |
पांचवा भाग दोपहर 12 बजे से 1 -30 तक बुधवार को राहुकाल
रहेगा |
छठा भाग दोपहर 1 -30 से 3 बजे तक गुरुवार को राहुकाल रहेगा |
सातवाँ भाग दोपहर 3 बजे से 4 - 30 तक मंगलवार को राहुकाल
रहेगा |
आठवां भाग शाम 4 - 30 से 6 बजे ( सूर्यास्त ) तक रविवार को राहुकाल रहेगा |
ये एक उदाहरण है जबकि सूर्योदय सुबह 6 बजे व सूर्यास्त शाम 6 बजे हो रहा हो | अक्सर कई बार लोग गलती से उपरोक्त समयावधि को ही राहुकाल मान लेते है ये गलत है सर्दियों व गर्मियों में सूर्योदय व सूर्यास्त का समय अलग हो जाता है तो राहुकाल की अवधि में भी आंशिक परिवर्तन होगा | ध्यान रखें |
समाचारों के माध्यम से पता चला था कि देहली में रविवार को शाम को 4 बजे "" सिग्नेचर ब्रिज "" का माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल उद्घाटन करेंगे | इस समय को जानकर मुझे तुरंत ही राहुकाल याद आ गया , सोचा कि इस उद्घाटन समारोह में जरुर कुछ न कुछ अप्रिय घटेगा | बाद में पता चला कि उस इलाके के सांसद श्री मनोज तिवारी जी भी उद्घाटन के स्थल पर मौजूद रहेंगे | राहुकाल की अवधि ( लगभग शाम 4 -15 से 5 - 45 तक ) भी इस दौरान रहेगी मुझे अरुचिकर सा लगने लगा कि उस स्थल पर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घट जाये | दो अलग अलग विचारधारा के लोग वंहा रहेंगे | ये दोनों दलों में ही आपस में छत्तीस का आंकड़ा है , राहुकाल अपना कार्य अवश्य करेगा |
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( सिग्नेचर ब्रिज ) |
उद्घाटन समारोह के दौरान क्या क्या घटनाएँ घटी इसे आप इन्टरनेट के द्वारा मेन
स्ट्रीम मीडिया / सोशल मीडिया के माध्यम से जाने , चूँकि मै किसी भी राजनीतिक दल
से जुडा हुआ नही हूँ इसलिए इस विषय पर कोई टिप्पणी उचित नही मानता आप तो
"राहुकाल" को जाने और अपने जीवन में इस
समय में किये गये शुभ कार्यों का अनुभव लेते हुए अपने अनुभवों को जनहितार्थ
साझा करें |
राहुकाल को जानने / अनुभव के लिए मेरे पूर्व आर्टिकल को निम्न लिंक पर भी पढ़
सकते है -
राहुकाल में चुनाव आयोग का ई.वी.एम
चैलेंज -
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