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News Reference: India Today |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग मौत का अनुमान लगाने में किया जाएगा, ऐसा सुनने में अजीब जरूर लग सकता है. लेकिन रिसर्चर्स एक ऐसी टेक्नोलॉजी को स्थाई रूप देने की कोशिश में लगे हैं, जो किसी मरीज के निकट भविष्य में मौत के जोखिम को लेकर डॉक्टर को अलर्ट दे सकता है. इससे डॉक्टर्स मरीज और उनके रिश्तेदारों से संपर्क कर सही तरीके जिंदगी खत्म करने को लेकर विचार कर सकते हैं |
ये प्रयास स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक टीम ने किया है. रिसर्चर्स ने डीप लर्निंग नाम के मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया. जो फिल्टर करने के लिए न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है और ढेर सारे डेटा से लर्न करता है |
ऐसे काम करती है मशीन:
इस मॉडल को तैयार करने के बाद रिसर्चर्स के टीम ने अस्पताल में भर्ती 20 लाख लोगों का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स का डेटा उठाया और डीप लर्निंग एलगोरिदम को डेटा में फीड किया. इसके बाद AI ने अनुमान लगाया कि कौन सा मरीज 3 से लेकर 12 महीने में मौत को गले लगा सकता है स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के AI लैब में एक टीम मेंबर और पीएचडी कैंडिडेट ने आश्वासन दिया कि, 'हम एक सावधानीपूर्वक डिजाइन किए प्रयोगात्मक अध्ययन की जगह, स्वास्थ्य देखभाल की स्थापना के लिए नियमित रूप से कलेक्ट किए गए ऑपरेशनल डेटा का उपयोग कर एक प्रेडिक्टिव मॉडल बना सकते हैं |
ये मॉडल इस बात का अच्छा सोर्स हो सकता है कि किस मरीज को जिंदगी खत्म होने से पहले अच्छे देखभाल की जरुरत है. साथ ही किस मरीज को जीवित रखने के लिए किस तरह के ट्रिटमेंट की जरुरत है |
अब आप निम्न लिंक पर जाकर ज्योतिषीय आधार पर विश्लेषण पढ़ें -
मेरा यह लेख काफी संवेदनशील व रुला देने वाला है लेकिन एक शोध कार्य का हिस्सा है इसलिए इसका जिक्र करना भी बहुत आवश्यक हो जाता है | इस लेख की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं उन पर निम्नानुसार ध्यानाकर्षण चाहूँगा -
1) इस केस में दिनांक 16 - 12 - 2012 को वह दुर्घटना घटी जिसने पूरे देश को रुला दिया समाचार पत्रों से पता चलता था कि वह बार बार कोमा में चली जाती फिर जब होश आता तो अपनी माँ से कहती की माँ मै जीना चाहती हूँ कितनी बहादुर थी वो उसने घटना के समय भी संघर्ष किया गम्भीर हालातों में भी जीने की चाहत , मै बहुत ही भावुक व्यक्ति हूँ मुझसे नही रहा गया | वो सिर्फ एक माता - पिता की ही नहीं हम सभी की बेटी थी | ईश्वर से प्रार्थना करी और कुण्डली बना कर देखा कि भगवान उसकी जीने की चाहत पूरी करेंगे क्या ?
२) कुण्डली में सबसे पहले ये देखना होता है कि जीवन है या मृत्यु और यदि जीवन पता चलता है तो ख़ुशी की बात है किन्तु मृत्यु पता चलती है तो ऐसे गम्भीर केस को देखकर तो कोई भी कह सकता है बच पाना मुश्किल है लेकिन ज्योतिषीय गणनाओं से वह दिनांक व समय भी जाना जा सकता है बशर्ते गणनाओं की जानकारी हो मैंने इस केस में 19 - 12 - 2012 को अर्थात तीन दिन बाद ही ईश्वर से प्रार्थना करते हुए यह जानना चाहा कि उसकी जीने की चाहत पूरी हो पायेगी ? ज्योतिषीय विश्लेषण में मृत्यु होने का पता लगा तथा मृत्यु दिनांक 29 - 12 - 2012 भी पता लग गयी थी किसी को भी यह नकारात्मक सन्देश नही बताया जा सकता था , देश ही नही पूरा विश्व ही अपराधियों के इस अमानवीय कृत्य के कारण से गुस्से में था | ईश्वर इच्छा ही थी , मानते हुए संतोष करना पड़ता है - पूरा वैज्ञानिक विश्लेषण इस लिंक के लेख में है जिसे मैंने अपने शोध कार्य के संकलन में सुरक्षित रख लिया था |
एक और उदाहरण भी देखें - दिनांक १ मई २०१५ को प्रकाशित समाचार पढ़ें जिसमे एक अस्वस्थ बच्चे को एक दिन के लिए पुलिस कमिश्नर बनाया था देखें इस विडियो को -
News Reference: Dainik Jagran
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News Reference: Dainik Bhaskar |
मेरी नजरों में पुलिस का यह एक बेहतरीन कार्य था मुझसे रहा नही गया | मैंने इस बच्चे की कुंडली बना कर विश्लेषण किया जिसे मैंने एक पत्र के द्वारा दिनांक 07 - 05 - 2015 को जरिये स्पीड पोस्ट श्रीमान चिकित्सा मंत्री , जे के लोन अस्पताल के अधीक्षक , तात्कालीन पुलिस कमिश्नर व पिंक सिटी प्रेस क्लब को प्रेषित किये थे | जिसमे पेज दो पर मैंने पुलिस के सम्मानजनक कार्य का आभार व्यक्त करते हुए निम्न बात लिखी थी - अवलोकन करें -
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पेज - 2 पर |
बहुत ही कठिन होता है दुःख भरा ऐसा बताया जाना या लिखना अथवा हमारा देखना भी |
परिणाम - 04 -05-2016
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News Reference: Dainik Bhaskar / Rajasthan Patrika |
ईश्वर की इच्छा के आगे सभी हार जाते हैं , क्या कर सकते हैं ? परम पिता परमेश्वर उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें | इस तरह के ज्योतिषीय विश्लेषणों से डर भी लगता है लेकिन कुछ सकारात्मक संदेश भी प्राप्त होते हैं जैसे श्रीमती सोनाली बेंद्रे अभिनेत्री के स्वस्थ होकर वापस अपने घर भारत में आने की कुण्डली का अध्ययन किया था | किसी को खुशियाँ दे सके इस भावना से देखना भी एवं शोध कार्य करने के उद्देश्य से उचित मानते हुए ही विश्लेषण करने का मन करता है | इस तरह के उदाहरणों का मेरे पास एक अच्छा संकलन हो रहा है जिसे बाद में अपने शोध कार्य के रूप में प्रकाशित करूँगा |
अपील-
यदि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं ज्योतिष का तुलनात्मक रूप से अध्ययन करे तो दोनों एक दूसरे के पूरक प्रतीत होते हैं | दोनों आपस में एक दूसरे का सहयोग लेते हुए शोध कार्य करें तो जनहित में बहुत बेहतरीन उपलब्धि प्राप्त की जा सकती है अत: हमारी अपील है कि हमारे वैज्ञानिकों एवं सरकार को हजारो वर्ष पुरानी ज्योतिष विज्ञान के प्रति नफरत दूर करें एवं अन्धविश्वास ना बताते हुए एक दूसरे का सम्मान के साथ निरंतर शोध कार्यो की ओर अग्रसर होकर लाभ उठाना चाहिये |
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